“नेबरहुड क्लास” में होगी अब बच्चों की पढ़ाई

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कोरोना संक्रमण की वजह से विश्व की शिक्षा व्यवस्था पर बुरा असर पड़ा है। इस महामारी ने स्कूलों के मैनगेटों पर ताले लगवा दिये हैं। इस मुश्किल दौर में स्कूलों की ओर से बच्चों के पाठ्यक्रमों को पूरा करने के लिए ऑनलाइन क्लासेस चलाई जा रही हैं। जिससे बच्चों को घर पर रहते हुए ही अपनी पढ़ाई पूरी करनी पड़ रही है। लेकिन देशभर में कई बच्चे ऐसे भी हैं जिनके घर पर आज भी एंड्रोयड फोन या इंटरनेट की सुविधा उपलब्ध नहीं हैं। इन बच्चों के लिए ऑनलाइन क्लासेस लेना बेहद मुश्किल है। इन बच्चों को ध्यान में रखते हुए त्रिपुरा सरकार नेबरहुड क्लासेस शुरू कर रही है।

राज्य सरकार की ओर से इन क्लासेस को मुख्य रूप से ग्रामिण क्षेत्रों में चलाया जाएगा। दरअसल त्रिपुरा शिक्षा विभाग द्वारा एक सर्वेक्षण कराया गया था। इस सर्वेक्षण में पता चला था कि कई बच्चों के घर में फोन व टेलीविजन तक मौजूद नहीं है। इन्हीं छात्रों के लिए राज्य सरकार द्वारा नेबरहुड क्लासेस को आयोजित किया जा रहा है। यह क्लासेस त्रिपुरा के दूरदराज क्षेत्रों में रहने वाले छात्रों को शिक्षा प्रदान करने का एक सफल माध्यम बन सकेंगी।

 

त्रिपुरा की शिक्षा व्यवस्था

त्रिपुरा की शिक्षा व्यवस्था को सुचारू बनाए रखने के लिए त्रिपुरा बोर्ड ऑफ सकेंडरी एजुकेशन का निर्माण किया गया है। त्रिपुरा बोर्ड प्रत्येक वर्ष सरकारी व अपने संबंद्ध आने वाले स्कूलों में 10वीं व 12वीं की परीक्षाएं आयोजित करता है। सत्र 2019-2020 में दसवीं की परीक्षा के लिए करीब 39 हजार छात्रों ने पंजीकरण कराया था, जिसमें करीब 64.49 फीसदी छात्र पास हुए हैं। इसके अलावा 12वीं की परीक्षा में करीब 26,400 छात्रों ने हिस्सा लिया था, जिनका पास प्रतिशत 80.80 फीसदी रहा। 

 

नेबरहुड क्लासेस क्या है

जिन छात्रों के पास ऑनलाइन क्लासेस या टेलीविजन पर प्रसारित होने वाली क्लासेस को लेने के लिए पर्याप्त सुविधा मौजूद नहीं हैं, उनके लिए त्रिपुरा सरकार द्वारा नेबरहुड क्लासेस शुरू की गई है। इस क्लास में बच्चों को 1:5 के अनुपात से पढ़ाया जाएगा। क्लास में एक शिक्षक एक बार में पांच बच्चों को पढ़ाएंगे। इसके साथ ही बच्चों के द्वारा सोशल डिस्टेंसिंग का भी पालन किया जाएगा। कक्षा 3 से 12वीं तक के छात्रों के लिए यह क्लासेस लगाई जाएगी। नेबरहुड क्लास के लिए चिंहित क्षेत्रों के सरकारी स्कूल के पास बने किसी खाली स्थान पर क्लासेस ली जाएंगी।   

 

किन छात्रों को मिलेगा लाभ

दरअसल त्रिपुरा में कई छात्र ऐसे हैं जिनके घर पर एड्रायड फोन या टेलीविजन की सुविधा नहीं है। इसके चलते बच्चे स्कूली ऑनलाइन क्लासेस की सुविधा नहीं ले पा रहे थे। जानकारी के मुताबिक राज्य के शिक्षा विभाग ने आठ जनपदों में किये सर्वेक्षण में पाया कि करीब 3.22 लाख छात्रों में से करीब 29 प्रतिशत छात्रों (करीब 94 हजार) के पास फोन की सुविधा उपलब्ध नहीं हैं। इसके अलावा करीब 44 प्रतिशत छात्रों (करीब 1.40 लाख) के घर पर टेलीविजन तक नहीं है। इन्हीं छात्रों को शिक्षा प्रदान करने के लिए नेबरहुड क्लासेस की योजना शुरू की गई है।

 

क्या अन्य राज्यों में शुरु होनी चाहिए नेबरहुड क्लासेस

देश में आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों की संख्या काफी अधिक है। वहीं लॉकडाउन में बंद हुए रोजगार व पलायन के कारण कई लोगों को बेरोजगार होना पड़ा है। ऐसे में अपने बच्चों की पढ़ाई को नियमित बनाने के लिए उन्हें एंड्रायड फोन व इंटरनेट की सुविधा दे पाना हर किसी अभिभावक के बस की बात नहीं है। इतना ही नहीं कुछ अभिभावकों ने तो अपने घर के तीनों बच्चों के लिए बेहद मुश्किल से मात्र एक एंड्रायड फोन लिया है। ऑनलाइन क्लासेस के लिए आवश्यक मूलभूत चीजों के न होने की वजह से आज देश के छात्रों का बड़ा तबका ऐसा भी हैं, जो शिक्षा से वंचित होने लगा है। हालांकि, इसके लिए सरकार ने टीवी व अन्य माध्यमों से भी छात्रों को क्लासेस देने का प्रयास किया है, लेकिन इसके बावजूद भी बच्चों के पास टीवी न होने के कारण वह क्लासेस नहीं ले पा रहें हैं।

ऐसे में देश के अन्य राज्यों में भी त्रिपुरा की तरह ही नेबरहुड क्लासेस शुरू होनी चाहिए। इससे देश के हर वर्ग का बच्चा शिक्षा से जुड़ा रहेगा।

 

ऑनलाइन क्लासेस न ले पाने के नुकसान

दूरदराज क्षेत्रों के जिन छात्रों के पास एंड्रायड मोबाइल या टीवी की सुविधा नहीं है, उनको भी शिक्षा की मुख्य धारा से जोड़े रखने के लिए सरकार को कई सार्थक कदम उठाने होंगे। यदि इन छात्रों को नियमित क्लासेस नहीं दी गई, तो इनके स्कूलों से ड्रॉपआउट होने की संभावनाएं काफी बढ़ जाएगी। इससे हजारो बच्चे शिक्षा के अधिकार का लाभ नहीं पा सकेंगे। इसलिए राज्य सरकारों को ऑनलाइन क्लास के अन्य विकल्पों पर भी विचार करना होगा।

 

ऑनलाइन क्लासेस और ब्राइट ट्यूटी

स्कूलों की ऑनलाइन क्लासेस के साथ ही छात्र अन्य स्टडी प्लेटफॉर्म के ऑनलाइन कोर्सेज की मदद से अपनी पढ़ाई को पूरा कर सकते हैं। ब्राइट ट्यूटी देश का लोकप्रिय स्टडी प्लेटफॉर्म है। यह प्लेटफॉर्म सीबीएसई, आईसीएससी, यूपी, बिहार, मध्यप्रदेश, त्रिपुरा सहित देश के अन्य 20 से अधिक शैक्षिक बोर्ड के छात्रों को ऑनलाइन कोर्स प्रदान करता है। इसके कोर्स की खास बात यह है कि इसे हिंदी, अंग्रेजी व बाईलिंग्वल (हिंदी-अंग्रेजी मिश्रित) भाषाओं में पढ़ा जा सकता है। यही कारण है कि देश के 5 लाख से अधिक छात्र इस प्लेटफॉर्म पर अपना भरोसा करते हैं।

ब्राइट ट्यूटी आपके बोर्ड के नवीन पाठ्यक्रम के अनुसार अपने कोर्स तैयार करता है। इस प्लेटफॉर्म के साथ लगभग सभी शैक्षिक बोर्ड के अनुभवी शिक्षक जुड़े हुए हैं। यह शिक्षक समय समय पर छात्रों की आवश्यकताओं के आधार पर कोर्स में बदलाव करते रहते हैं। ब्राइट ट्यूटी के सभी कोर्स गहन अध्ययन के बाद तैयार किये जाते हैं। इसके कोर्स में छात्रों को वीडियो लेक्चर्स, असाइनमेंट्स, बहुविकल्पीय प्रश्न-उत्तर व परीक्षा किट प्रदान की जाती है। ब्राइट ट्यूटी छात्रों को ऑनलाइन शिक्षा देने के साथ ही उन्हें परीक्षा के लिए भी तैयार करता है। इसकी परीक्षा किट में शिक्षकों द्वारा तैयार किये गये सैंपल पेपर्स, मॉडल टेस्ट पेपर्स व पिछले वर्षों के प्रश्न पत्रों को शामिल किया जाता है। खास बात यह है कि ये सभी प्रश्न पत्र सॉल्वड व अनसॉल्वड दोनों ही तरह से छात्रों को कोर्स में दिये जाते हैं। ऑनलाइन कोर्स से विषय को पूरा समझने के बाद छात्र इन प्रश्न पत्रों से अपनी परीक्षा का अभ्यास कर सकते हैं। अभ्यास करने से छात्र अपने कमजोर पक्ष व परीक्षा पत्र की अंक योजना से परिचित होते हैं। इस तरह छात्र ब्राइट ट्यूटी के कोर्स की मदद से अपनी परीक्षा में बेहतर प्रदर्शन करते हुए अच्छे अंक अर्जित कर पाते हैं।