विभिन्न क्षेत्रों में सराहनीय कार्य करने वाले लोगों को सम्मानित करने के लिए प्रत्येक वर्ष नोबेल पुरस्कार की घोषणा की जाती है। इस पुरस्कार के लिए विश्वभर से लोगों के नामंकन किए जाते हैं। वर्ष 2020 में शांति के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार विजेता की घोषणा कर दी गई है। इस वर्ष यूएन के विश्व खाद्य कार्यक्रम (वर्ल्ड फूड प्रोग्राम) को ये पुरस्कार दिया जाएगा। इस पुरस्कार के लिए दुनिया भर से करीब 300 से ज्यादा नामकंन हुए थे, लेकिन जरूरतमंद लोगों को खाने प्रदान करने वाली संस्था वर्ल्ड फूड प्रोग्राम को इस पुरस्कार के लिए चुना गया है।
जानकारी के अनुसार वर्ल्ड फूड प्रोग्राम विश्व का एक सबसे बड़ा मानवीय संगठन है, यह संस्था आपात स्थिति में भूखे लोगों को खाना प्रदान करने व खाद्य सुरक्षा प्रदान करने का कार्य करती है। वर्ल्ड फूड प्रोग्राम एजेंसी के अनुसार वह प्रत्येक वर्ष दुनिया के लगभग 88 देशों के करीब 9.70 करोड़ लोगों की मदद करते हैं।
वर्ल्ड फूड प्रोग्राम क्या है
संयुक्त राष्ट्र (यूएन) के द्वारा आपातस्थितियों में दुनियाभर के देशों से भुखमरी को दूर करने व खाद्य सामग्रियों को जरूरतमंदों तक पहुंचना के लिए वर्ल्ड फूड प्रोग्राम की शुरूआत की गई है। यह एजेंसी प्राकृतिक आपदाओं व गृह युद्ध की स्थिति वाले देशों को सहायता प्रदान करती है।
भारत में वर्ल्ड फूड प्रोग्राम की स्थिति
भारत में भी वर्ल्ड फूड प्रोग्राम सक्रिय है, लेकिन हमारे देश में यह खाद्य सहायता प्रदान नहीं करता। इसकी जगह पर यह एंजेसी भारतीय सरकार को क्षमता निर्माण सेवाएं व तकनीक सहायता प्रदान करती है। इस कार्यक्रम में देश की लक्षित जनसंख्या तक कुशलता से भोजन को पहुंचाने पर कार्य किया जा रहा है।
भारत में ये एजेंसी किन क्षेत्रों पर ध्यान दे रही है
भारत में वर्ल्ड फूंड प्रोग्राम के द्वारा भोजन आधारित सुरक्षा कवचों को सशक्त करना, खाद्य एवं पोषाहार सुरक्षा, खाद्य एवं पोषाहार सुरक्षा को बढ़ाने के लिए सुधार करना, आहार की पौष्टिकता में बढ़ोतरी करना, खाद्य सुरक्षा पर विश्लेषण करना, गर्भवती महिलाओं, किशोरियों और स्तनपान कराने वाली महिलाओं के साथ ही बुजुर्गों के आहार में आवश्यक पोषण को पूरा करना आदि क्षेत्रों पर ध्यान दिया जा रहा है।
पिछले वर्ष किसे मिला था नोबेल शांति पुरस्कार
वर्ष 2019 में नोबेल शांति पुरस्कार इथियोपिया के प्रधानमंत्री एबी अहमद अली ( Abiy Ahmed Ali) को दिया गया था। जानकारी के मुताबिक पड़ोसी देश एरिट्रिया (Eritrea) के साथ वर्षों से चले आ रहे सीमा विवाद को खत्म करने के लिए उन्हें नोबेल पुरस्कार दिया गया था।
नोबेल पुरस्कार पर एक नजर
यह पुरस्कार दुनियाभर में प्रचलित महत्वपूर्ण पुरस्कारों में से एक है। 1901 से इस पुरस्कार को शुरू किया गया था। स्वीडिश आविष्कारक अल्फ्रेड नोबेल ने इस पुरस्कार को शुरू किया था। यह पुरस्कार अल्फ्रेड नोबेल की पांचवी पुण्यतिथि से प्रत्येक वर्ष दुनियाभर में मानवजाति के लिए उल्लेखनीय योगदान देने वाले लोगों को दिया जाता है। अल्फ्रेड नोबेल ने विस्फोट में प्रयोग किए जाने वाले डायनामाइट का अविष्कार किया था। इस पदार्थ के युद्ध में प्रयोग होने व मानवजाति के लिए विनाशकारी होने से उन्हें दुख हुआ। इस दुख को कम करने के लिए अल्फ्रेड नोबेल ने अपनी वसीयत तैयार करते हुए नोबेल पुरस्कार की व्यवस्था की। उन्होंने अपनी वसीयत में संपत्ति का अधिकतर हिस्सा से एक फंड बनाया और इसके सालाना ब्याज से मानव जाति के लिए महत्वपूर्ण योगदान देने वाले लोगों को सम्मानित करने का फैसला लिया। वर्ष 1901 में पहला नोबेल पुरस्कार केमिस्ट्री, साहित्य, शांति, मेडिसिन व फिजिक्स के क्षेत्र में दिया गया था।
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