आपका बच्चा पढ़ाई से जी चुराने लगे, तो क्या करें...

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कई बच्चों को पढ़ाई करना अच्छा नहीं लगता और ऐसे में बच्चे पढ़ाई न करने के लिए कई बहाने बनाने लगते हैं। अभिभावकों के द्वारा डांटने या पीटने के बाद भी ये बच्चे पढ़ाई नहीं करते हैं। बच्चों की इस आदत का खराब असर उनकी पढ़ाई पर पड़ता है। इसलिए बच्चों की पढ़ाई से जी चुराने की आदत कई अभिभावकों के चिंता का मुख्य कारण बन जाती है।

बच्चे की इस आदत को दूर करने के लिए अभिभावक कई उपाय अपना सकते हैं। इनमें से कुछ उपायों को आगे विस्तार से बताया जा रहा है।

नंबर से ज्यादा कुछ नया सीखने के लिए प्रेरित करें – देखा जाता है अक्सर अभिभावक अपने बच्चों की प्रोग्रेस को उनके नंबरों से आंकते हैं। जबकि अभिभावकों को नंबरों से ज्यादा बच्चों के समग्र विकास पर ध्यान देना चाहिए। बच्चे के स्तर को केवल नंबरों से आंकना गलत है। आपका बच्चा जब भी स्कूल से घर आए तो उससे पूछें कि उसने स्कूल में आज क्या नया सीखा। उसको हमेशा कुछ नया सीखने के लिए प्रोत्साहित करें। केवल मार्क्स पर ही फोकस करने से बच्चा नई चीजों को सीखने से ज्यादा नंबरों को पाने की होड़ में जुट जाता है।

पढ़ाई के लिए योजना बनाएं – यदि आपका बच्चा पढ़ाई से जी चुराता हो तो ऐसे में आप उसके लिए एक स्टडी शेड्यूल तैयार करें। इस शेड्यूल में आप बच्चे के लिए पढ़ाई के साथ ही खेलने का भी समय निर्धारित करें। बच्चे को घर आते ही पढ़ाई में जुटा देना भी बेहद गलत होगा, इसके लिए अभिभावकों को ऐसा समय चुनाना चाहिए जब बच्चे का मन खुद पढ़ाई का हो। इस समय बच्चे को स्कूल का होमवर्क कराएं और उससे स्कूल में सिखाए गए टॉपिक्स के बारे में बात करें। इससे उसका रिवीजन हो जाएगा और वह चीजों को आसानी से लंबे समय तक याद रख पाएगा।

बच्चों की आदतों को समझें – हर बच्चे की क्षमता अलग अलग होती हैं। बच्चों को पढ़ाने की जिम्मेदारी अभिभावकों पर अधिक होती है। अभिभावकों को यह समझना होगा कि उनका बच्चा किस तरह से तेजी से सीखता है। कुछ बच्चों को बोल बोलकर पढ़ा हुआ तेजी से समझ आता है तो कुछ को लिखकर चीजें समझ में आती हैं। वहीं आज के दौर में अधिकतर बच्चे ऑनलाइन स्टडी प्लेटफॉर्म से विषयों को सीखने में अधिक रुचि लेते हैं। बच्चे की पढ़ाई में रुचि बढ़ाने से पहले यह बेहद जरूरी है कि अभिभावक उनकी लर्निंग स्टाइल को समझें।

बच्चे की असफलता पर गुस्सा न करें – कई बार बच्चे किसी विषय में फेल होने पर पढ़ाई से आनाकानी करने लगते हैं। ऐसे में बच्चों का मन पढ़ाई से हट जाता है, लेकिन इस समय आप अपने बच्चे को सर्पोट प्रदान करें। उन्हें डांटने की बजाय समझाएं की जिंदगी में असफलता के डर से पढ़ाई न करना गलत है। इस समय बच्चे को दोबारा से पढ़ाई करने के लिए प्रोत्साहित करें।

पढ़ाई के लिए बच्चे को लालच न दें – माता-पिता बच्चे को पढ़ाई करने व पास होने के लिए कई तरह के लालच देते हैं। पढ़ाई करने के बदले किसी चीज को देने के लालच से आप उसे पढ़ने के लिए बैठा तो सकते हैं, लेकिन उसके मन में पढ़ाई के लिए रुचि उत्पन्न नहीं कर सकते हैं। अगर आप बच्चे को पढ़ाई के लिए प्रोत्साहित करना ही चाहते हैं तो उनके द्वारा होमवर्क पूरा करने, किसी टॉपिक को याद करने या पढ़ाई के बाद बैग व किताबों को सही जगह रखने पर तारीफ करें। इससे बच्चा खुद अच्छे प्रदर्शन के लिए प्रयास करेगा।

ऑनलाइन स्टडी प्लेटफॉर्म को बनाएं बच्चों का दोस्त

अभिभावक बच्चों की पढ़ाई में रुचि बढ़ाने के लिए उसको ऑनलाइन स्टडी प्लेटफॉर्म से पढ़ने की सलाह दें सकते हैं। आज के दौर में कई छात्र ऑनलाइन स्टडी प्लेटफॉर्म से अपनी पढ़ाई कर रहें हैं। धीरे-धीरे यह तरीका पढ़ाई करने का एक सफल माध्यम बनता जा रहा है। लॉकडाउन में स्कूलों के बंद होने पर छात्रों की पढ़ाई ऑनलाइन क्लासेस या ऑनलाइन स्टडी प्लेटफॉर्म के द्वारा पूरी हुई है। ऐसे में ऑनलाइन माध्यम से पढ़ाई करने वाले छात्रों की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ है और अब छात्रों को भी इस माध्यम से पढ़ाई करना पसंद आने लगा है।

ब्राइट ट्यूटी – 5 लाख से ज्यादा छात्रों का भरोसेमंद ऑनलाइन प्लेटफॉर्म

ब्राइट ट्यूटी देश का लोकप्रिय स्टडी प्लेटफॉर्म है, जो सीबीएसई, आईसीएसई व अन्य 20 से अधिक शैक्षिक बोर्ड के सिलेबस पर ऑनलाइन कोर्स तैयार करता है। इसमें कक्षा 6 से 10वीं तक के छात्रों के लगभग प्रत्येक विषय पर वीडियो लेक्चर्स आधारित ऑनलाइन कोर्स बनाए गए हैं। इन कोर्सेज से छात्र अपनी पढ़ाई में मन लगाने लगते हैं और तेजी से अध्यायों को सीखने लगते हैं।

ब्राइट ट्यूटी की कुछ खास विशेषताएं

विस्तृत वीडियो लेक्चर्स – छात्रों की पढ़ाई में रुचि बढ़ाने के लिए ब्राइट ट्यूटी के प्रत्येक वीडियो लेक्चर्स में टॉपिक्स को रोचक तरीके से सिखाया गया है। रोचक होने के साथ ही यह वीडियो लेक्चर्स बेहद विस्तृत हैं, जो प्रत्येक टॉपिक को विस्तार से प्रस्तुत करते हैं।

आपकी पसंदीदा भाषा में उपलब्ध – कुछ छात्र अंग्रेजी भाषा में कोर्स पढ़ना चाहते हैं तो कुछ हिंदी भाषा में कोर्स से पढ़ाई करना पंसद करते हैं। भाषा भी छात्रों की पढ़ाई में रुचि लेने या न लेने की बड़ी वजह होती है। इस बात को ध्यान में रखते हुए ब्राइट ट्यूटी ने अपने कोर्स हिंदी, अंग्रेजी और बाईलिंग्वल (हिंदी-अग्रेंजी मिश्रित) भाषा में तैयार किए हैं।

अभ्यास करें – पढ़ाई के साथ ही अभ्यास करना भी बेहद आवश्यक है। इसलिए ब्राइट ट्यूटी के कोर्स में छात्रों की पढ़ाई में रुचि बढ़ाने के साथ ही उन्हें अभ्यास के लिए असाइनमेंट्स व बहुविकल्पीय प्रश्न-उत्तर भी दिए जाते हैं। जिनसे छात्र प्रत्येक टॉपिक्स को सीखने के बाद उनके प्रश्नों का अभ्यास कर पाते हैं।

परीक्षा किट – इस कोर्स की खास बात यह भी इसमें छात्रों को वीडियो लेक्चर्स से विषय को समझाने के बाद उन्हें परीक्षा के लिए भी तैयार किया जाता है। परीक्षा की तैयारी के लिए छात्रों को एक विशेष किट दी जाती है। इस किट में सैंपल पेपर्स, मॉडल टेस्ट पेपर्स व पिछले वर्षों के परीक्षा पत्र दिये जाते हैं। इन सभी के अभ्यास से छात्र परीक्षा के लिए तैयार होते हैं और परीक्षा में अधिक अंक अर्जित कर पाते हैं।

ऊपर बताए गए उपायों की मदद से आप अपने बच्चे का मन पढ़ाई में लगा सकते हैं। लेकिन इन सभी उपायों में ऑनलाइन कोर्स आपकी खासी मदद कर सकते हैं। बच्चों की पढ़ाई से जुड़ी समस्याओं के समाधान पाने के लिए हमारे साथ जुड़े रहें और आने वाले ब्लॉग्स को पढ़ते रहें।