आपका बच्चा पढ़ा हुआ बार-बार भूल जाता है तो अपनाएं ये उपाय

IMG

हर बच्चे के सीखने और समझने की क्षमता अलग-अलग होती है। कुछ बच्चों को चीज़ें तेजी से याद हो जाती हैं, जबकि कुछ बच्चों को कई घंटे पढ़ाई करने के बाद भी चीज़ें याद नहीं रह पाती हैं। अगर आपका बच्चा भी पढ़ा हुआ टॉपिक जल्दी भूल जाता है, तो ऐसे में आपको परेशान होने की आवश्यकता नहीं हैं। इस समस्या को दूर करने के कई उपाय मौजूद हैं, आप भी इन उपायों की मदद से बच्चे की याददश्त को बढ़ा सकते हैं।

  1. मेडिटेशन से बढ़ाएं याददाश्त – बच्चों को अपनी याददाश्त बढ़ाने या पढ़ी हुई चीजों को लंबे समय तक याद रखने के लिए मेडिटेशन (ध्यान क्रिया) का अभ्यास करना चाहिए। अधिकतर बच्चों का मन किसी एक काम में कभी नहीं लगता है। ऐसे में वह अपनी पढ़ाई पर भी फोकस नहीं कर पाते हैं और वह जो भी पढ़ते हैं, उसे जल्द ही भूल जाते हैं। इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए छात्रों को मेडिटेशन अर्थात् ध्यान करना चाहिए। इसके कुछ माह के अभ्यास से छात्र पढ़ाई पर फोकस कर पाते हैं और अपनी पढ़ाई को लंबे समय तक याद रख पाते हैं।

 

  1. एक्सरसाइज को दिनचर्या में शामिल करें – एक्सरसाइज शरीर को स्वस्थ रखने का बेहतरीन उपाय है। बच्चों को अपनी दिनचर्या में एक्सरसाइज को अवश्य शामिल करना चाहिए। इससे उनका मानसिक व शारीरिक स्वास्थ्य ठीक बना रहता है। मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होने से बच्चों की याददाश्त में भी बढ़ोतरी होती है।
     
  2. पर्याप्त नींद लेना – नींद का सीधा संबंध हमारी याददाश्त से होता है। अक्सर देखा जाता है कि जो बच्चे देर रात तक टीवी या मोबाइल देखते हैं उनको नींद की कमी का भी सामना करना पड़ता है। पर्याप्त नींद न ले पाने के कारण बच्चों को तनाव रहने लगता है और ऐसे में वे अपनी पढ़ाई पर फोकस नहीं कर पाते हैं। इसलिए बच्चों को पूरे दिन (24घंटों) में कम से कम 7 से 8 घंटों की नींद जरूर लेनी चाहिए। इससे उनका दिमाग तरोताजा रहता है और वह पढ़ी हुई  चीजों को लंबे समय तक याद रख पाते हैं।
     
  3. ब्राह्मी का करें उपयोग – आयुर्वेद में ब्राह्मी को याददाश्त बढ़ाने के लिए एक उपयोगी औषधि माना जाता है। यह औषधि एकाग्रता व मस्तिष्क की कार्य क्षमता को बढ़ाने के लिए इस्तेमाल की जाती है। आप अपने डॉक्टर की सलाह से बच्चे को ब्राह्मी का सेवन करा सकते हैं।
     
  4. शंखपुष्पी – ब्राह्मी की तरह ही शंखपुष्पी का उपयोग याददाश्त को बेहतर बनाने के लिए किया जाता है। मस्तिष्क के रक्तसंचार को सही बनाए रखने के लिए भी शंखपुष्पी का उपयोग किया जाता है। इसमें एंटीऑक्सीडेंट्स मौजूद होते हैं, जो मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाते हैं।
     
  5. एकांत में पढ़ाई करें – अधिक शोर में पढ़ाई करने से भी बच्चा अपनी पढ़ाई पर फोकस नहीं कर पाता है। पढ़ाई पर फोकस न करने से बच्चे का मन पढ़ाई में नहीं लगता, साथ ही वह अध्यायों को याद करने में ज्यादा समय लेता है।
     
  6. लिखकर पढ़ाई करना – कुछ बच्चे पढ़ी हुई चीजों को तेजी से याद तो कर लेते हैं, लेकिन कुछ समय के बाद ही उसे भूल भी जाते हैं। ऐसे बच्चों को अपनी पढ़ी हुई चीजों को लिखने का अभ्यास करना चाहिए। इससे बच्चा टॉपिक को दिमाग में रिवाइज करता है और वह पहले की अपेक्षा चीजों को ज्यादा समय तक याद रख पाता है।

 

  1. रिवाइज अवश्य करें – जिन छात्रों को पढ़ी हुई चीज़ें याद नहीं रहती है उनको किसी टॉपिक को पढ़ने के बाद ठीक अगले दिन उसे रिवाइज अवश्य करना चाहिए। इससे बच्चे उस टॉपिक को दोहराते हैं और यदि वह कुछ भूल गए हैं तो उसको दोबारा पढ़ सकते हैं। इससे संबंधित टॉपिक बच्चों को लंबे समय तक आसानी से याद रहता है।
     

ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से पढ़ाई करना है बेहतरीन उपाय

यदि आपका बच्चा बार-बार याद किया हुआ भूल जाए तो आप उसे ऑनलाइन स्टडी प्लेटफॉर्म से पढ़ने के लिए प्रेरित कर सकते हैं। ऑनलाइन स्टडी प्लेटफॉर्म से पढ़ाई करना बच्चे के लिए नया और रोचक अनुभव होता है। समय के साथ शिक्षा क्षेत्र में भी बदलाव आया है। इस बदलाव के अंतर्गत खुद को ढालने के लिए प्रत्येक छात्र को भी तैयार रहना चाहिए।

ऑनलाइन स्टडी प्लेटफॉर्म छात्रों की पढ़ाई का एक सफल माध्यम हो सकते हैं। उदाहरण के तौर पर देश के 5 लाख से भी अधिक छात्र ब्राइट ट्यूटी पर भरोसा करते हैं और ऐसा इसलिए हो पाया है, क्योंकि इस प्लेटफॉर्म में छात्रों की शिक्षा जरूरतों के अनुसार कोर्स को तैयार किया गया है।

विस्तृत वीडियो लेक्चर्स – ब्राइट ट्यूटी अपने कोर्स में छात्रों को विस्तृत वीडियो लेक्चर्स प्रदान करता है। इन वीडियो लेक्चर्स में अनुभवी शिक्षकों की टीम के द्वारा विषय के विभिन्न टॉपिक को विस्तार से समझाया जाता है। जो छात्र पढ़े हुए टॉपिक को याद नहीं रख पाते हैं, वे भी ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के वीडियो लेक्चर्स को देखते हुए तेजी से टॉपिक को सीखते हैं और लंबे समय तक याद रख पाते हैं।

आसान उदाहरणों से सीखें अध्याय – छात्र इसलिए भी लंबे समय तक अध्यायों को याद नहीं पाते हैं, क्योंकि वह जो भी पढ़ते हैं वो उनको बेहद ही मुश्किल लगता है। लेकिन जब छात्र ब्राइट ट्यूटी के कोर्स से किसी टॉपिक को सीखते हैं तो वह उन्हें पहले की अपेक्षा लंबे समय तक याद रहता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि ब्राइट ट्यूटी के वीडियो लेक्चर्स में अनुभवी शिक्षक दैनिक जीवन के उदाहरणों की मदद से किसी टॉपिक को समझाते हैं। इस तरह से छात्र संबंधित टॉपिक के साथ खुद को जोड़ते हुए मुश्किल लगने वाले टॉपिक को भी आसानी से याद रख पाते हैं। 

असाइनमेंट्स से अभ्यास करना – यदि किसी टॉपिक का अभ्यास न किया जाए तो छात्र उसे जल्द ही भूल जाते हैं। छात्रों की इस समस्या को ध्यान में रखते हुए ब्राइट ट्यूटी अपने प्रत्येक वीडियो के बाद अभ्यास के लिए असाइनमेंट्स व बहुविकल्पीय प्रश्न देता है। इन दोनों का अभ्यास करते हुए छात्र लंबे समय तक अपने टॉपिक को याद रख पाते हैं।  

अपनी इच्छानुसार पढ़ाई करना – ब्राइट ट्यूटी के ऑनलाइन कोर्स से छात्र अपनी इच्छानुसार किसी भी समय पढ़ाई कर सकते हैं, जबकि ट्यूशन का एक निर्धारित समय होता है और उसी समय में ही छात्रों को पढ़ाई करनी होती है। बिना इच्छा पढ़ाई करने से छात्र केवल खानापूर्ति करते हैं और ऐसे में वह जो भी पढ़ते है वे याद नहीं रख पाते हैं। इसलिए अभिभावक छात्रों को ऑनलाइन स्टडी प्लेटफॉर्म से पढ़ने के लिए प्रेरित करते हुए, उनकी शिक्षा संबंधी कई समस्याओं को दूर कर सकते हैं।

ब्राइट ट्यूटी सीबीएसई सहित देश के 20 से अधिक अन्य बोर्ड के पाठ्यक्रमों पर ऑनलाइन कोर्स तैयार करता है। इस प्लेटफॉर्म में छात्रों की जरूरतों और उनकी क्षमताओं के आधार पर बेहद ही सरल विधि में वीडियो लेक्चर्स तैयार किये जाते हैं। इसके साथ ही छात्रों को परीक्षा की तैयारी के लिए एक विशेष किट प्रदान की जाती है। इस किट में पिछले वर्षों के प्रश्न पत्र दिए जाते हैं। इसके अलावा किट में अनुभवी शिक्षकों द्वारा तैयार किए गए सैंपल पेपर्स व मॉडल टेस्ट पेपर्स दिए जाते हैं। यह सभी पेपर्स सॉल्व्ड व अनसॉल्व्ड प्रारूपों में होते हैं। इन सभी के अभ्यास से छात्र अपनी परीक्षा की तैयारी करते हुए 30 से 40 फीसदी तक अधिक अंक अर्जित कर पाते हैं।