लंबे इंतजार के बाद 28 सितंबर से स्कूल जा सकेंगे बिहार के 9वीं से 12वीं तक के छात्र

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कोरोना संक्रमण के बाद से ही छात्रों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए स्कूलों को बंद कर दिया गया था। लेकिन अब राज्य सरकार केंद्र की नई गाइडलाइंस के अंतर्गत कुछ शर्तों के साथ स्कूलों को खोलने जा रही हैं। बिहार सरकार ने भी 28 सितंबर से कक्षा 9वीं से 12वीं तक के छात्रों के लिए स्कूल खोलने की तैयारी पूरी कर ली है। वहीं दूसरी ओर आंध्रप्रेदश, हरियाणा, असम, मेघालय, जम्मू-कश्मीर, मध्यप्रदेश, सिक्कम और हिमाचल प्रदेश में भी कुछ शर्तों के साथ स्कूल खुल चुके हैं।

कोरोना संक्रमण के कारण बंद स्कूलों में कई महीनों के बाद दोबारा से रौनक लौटने वाली है। बिहार सरकार अनलॉक 4.0 के अंतर्गत स्कूलों में कक्षा 9वीं से 12वीं तक के छात्रों को 28 सितंबर से स्कूल बुलाने जा रही है। स्कूल में आने वाले छात्रों को अपने अभिभावकों की सहमति लेना अनिवार्य होगा। जबकि कंटेनमेंट जोन के छात्रों को स्कूल नहीं आएंगे। स्कूल आने के लिए छात्रों पर किसी प्रकार की बाध्यता नहीं होगी। स्कूल में आने वाले छात्रों को सरकारी गाइडलाइंस का पालन करना होगा। स्कूल में छात्रों को थोड़े-थोड़े समय के बाद हाथों को सैनिटाइज करना, मास्क लगाना व सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना होगा।

जिन दिनों में छात्र स्कूल नहीं आएंगे, उन दिनों में वह ब्राइट ट्यूटी जैसे लोकप्रिय ऑनलाइन स्टडी प्लेटफॉर्म से अपने सिलेबस को पूरा कर सकते हैं।

एक शिक्षक सप्ताह में तीन दिन क्लासेस लेगा

कोरोना से बचाव के लिए एक दिन में केवल पचास फीसदी ही शिक्षकों को बुलाए जाएंगे। जबकि अन्य पचास फीसदी शिक्षकों को दूसरे दिन स्कूल में बुलाया जाएगा। इस तरह से एक शिक्षक पूरे सप्ताह में केवल तीन दिन ही क्लासेस लेंगे।

एक छात्र को सप्ताह में दो दिन ही स्कूल आने का मौका मिलेगा

बिहार सरकार की ओर से कक्षा में महज एक तिहाई छात्रों को ही स्कूल बुलाया जाएगा। इस नियम के अंतर्गत एक छात्र को सप्ताह में दो दिन ही स्कूल आने का मौका मिलेगा। उदाहरण के रूप में यदि कोई छात्र सोमवार को स्कूल गया तो उसकी अगली कक्षा गुरुवार को होगी। इस नियम के तहत छात्रों की उपस्थिति का एक निश्चित दिवस क्रम (सोम-गुरू, मंगल-शुक्रवार, बुध-शनि) बनाया गया है।

ऑनलाइन क्लासेस पहले की तरह संचालित की जाएंगी

कक्षा 9वीं से 12वीं तक के छात्रों के लिए स्कूल खुलने के बाद भी ऑनलाइन क्लासेस पहले की तरह ही जारी रहेंगी। स्कूलों की ओर से किसी भी बच्चे को स्कूल आने के लिए बाध्य नहीं किया जाएगा। जो छात्र घर पर रहकर पढ़ाई करना चाहते हैं उनके लिए पहले की तरह की ऑनलाइन क्लासेस जारी रखीं जाएंगी। स्कूल आने वाले छात्र भी ऑनलाइन क्लासेस से पढ़ सकते हैं। 9वीं से 12वीं तक की कक्षाओं के अलावा अन्य कक्षाओं का सिलेबस ऑनलाइन क्लासेस के द्वारा ही पूरा कराया जाएगा।
 

बिहार बोर्ड के लिए कौन सा स्टडी प्लेटफॉर्म है बेस्ट

स्कूलों का खुलना छात्रों के लिए अच्छी बात है, लेकिन कोरोना से बचाव करना भी बेहद जरूरी है। जो छात्र कंटेनमेंट जोन से हैं या जो स्कूल नहीं आना चाहते हैं, वह ऑनलाइन स्टडी प्लेटफॉर्म से अपने सिलेबस को पूरा कर सकते हैं। बिहार बोर्ड के छात्रों के लिए ब्राइट ट्यूटी एक बेस्ट स्टडी प्लेटफॉर्म है। इस प्लेटफॉर्म में बिहार बोर्ड के लेटस्ट सिलेबस के आधार पर कोर्स तैयार किए गए हैं।

लॉकडाउन में लाखों छात्र ब्राइट ट्यूटी से जुड़े हैं। इस प्लेटफॉर्म में सीबीएसई, आईसीएसई व देश के अन्य 20 से अधिक शैक्षिक बोर्ड के पाठ्यक्रमों पर ऑनलाइन कोर्सेज तैयार किए गए हैं। यह कोर्सेज कक्षा 6 से 10वीं तक के विषयों को कवर करते हैं। रोचक वीडियो लेक्चर्स व विभिन्न भाषाओं में कोर्स का होना, इस प्लेटफॉर्म के तेजी से लोकप्रिय होने की बड़ी वजह है।
 

ब्राइट ट्यूटी की खास बातें

विस्तृत वीडियो लेक्चर्स – इस प्लेटफॉर्म में बिहार बोर्ड के छात्रों को लगभग सभी विषयों पर ऑनलाइन कोर्स मिलते हैं। कोर्स में विषय के अध्यायों को टॉपिक के आधार पर वर्गीकृत करते हुए वीडियो लेकचर्स तैयार किए गए हैं। यह वीडियो लेक्चर्स संपूर्ण टॉपिक को कवर करते हैं। जिससे पढ़ने के बाद छात्रों को अन्य कोई भी पुस्तक पढ़ने की आवश्यकता नहीं होती है।

विभिन्न भाषाओं में कोर्स उपलब्ध – इस प्लेटफॉर्म में छात्रों की जरूरतों के आधार पर अंग्रेज़ी के अलावा हिंदी व बाईलिंग्वल (हिंदी-अंग्रेज़ी मिश्रित) भाषा में भी कोर्स तैयार किया गया है। कई राज्यों के छात्र हिंदी माध्यम के कोर्स से पढ़ना पसंद करते हैं, उनके लिए भी इस प्लेटफॉर्म में कोर्स बनाए गए हैं।  

असाइनमेंट्स से करें अभ्यास – इस प्लेटफॉर्म में ऑनलाइन कोर्सेज द्वारा छात्रों को विषय की पूरी जानकारी देने के साथ ही उन्हें अभ्यास भी कराया जाता है। इसके उन्हें प्रत्येक टॉपिक के वीडियो के बाद असाइनमेंट्स व बहुविकल्पीय प्रश्न दिए जाते हैं।

परीक्षा की तैयारी – छात्रों को विषय सीखने या समझने के साथ ही उन्हें परीक्षा के लिए तैयार करना भी ब्राइट ट्यूटी का मुख्य उद्देश्य है, जिसकी पूर्ति के लिए एक विशेष परीक्षा किट तैयार की गई है। इस किट में पिछले कुछ वर्षों के सैंपल पेपर्स, मॉडल टेस्ट पेपर्स और सैंपल पेपर्स को शामिल किया गया है। इनके अभ्यास से छात्र परीक्षा में 30 से 40 फीसदी अधिक अंक अर्जित कर पाते हैं।

स्कूलों में शिक्षण कार्य दोबारा से शुरू होना एक अच्छी खबर हैं, लेकिन ऐसे में छात्रों के स्वास्थ्य के प्रति ध्यान देना भी बेहद आवश्यक है। विभिन्न शैक्षिक बोर्ड की लेटस्ट जानकारियों को पाने के लिए ब्राइट ट्यूटी के ब्लॉग्स को पढ़ते रहें।