साक्षरता दर बढ़ाने में ब्राइट ट्यूटी निभा सकता है बड़ी भूमिका

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भारतीय राज्यों में शिक्षा के स्तर को साक्षरता दर से मापा जाता है और यह कार्य सरकारी एजेंसी राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) के द्वारा किया जाता है। हाल ही में राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक उत्तर भारत के राज्यों की साक्षरता दर में बढ़ोतरी दर्ज की गई है। इससे यह पता चलता है कि दक्षिण भारत की अपेक्षा अब उत्तर भारत के लोगों में भी पढ़ाई के प्रति रूझान बढ़ा है। इस बढ़ोतरी का बड़ा कारण ऑनलाइन स्टडी प्लेटफॉर्म भी हो सकते हैं और आने वाले समय ब्राइट ट्यूटी साक्षरता दर को बढ़ाने में अहम भूमिका निभा सकता है।

राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय द्वारा जारी आकड़ों के अनुसार भारत में 84.7 फीसदी पुरूष व 70.3 फीसदी महिलाएं साक्षर हैं। भारत के राज्यों में केरल की साक्षरता दर पिछले कुछ वर्षों की तरह ही सबसे अधिक दर्ज की गई है।

साक्षरता दर क्या है?

साक्षरता दर किसी राज्य में शिक्षित लोगों के प्रतिशत को दर्शाती है। इन आकड़ों को सरकारी एंजेसियों के द्वारा किए गए सर्वे की मदद से तैयार किया जाता है। राज्य में शिक्षा के स्तर का मूल्याकंन करने व उसके लिए भविष्य में प्रभावी योजना तैयार करने के लिए इस तरह के आंकड़ों का होना बेहद जरूरी होता है।

राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय के द्वारा जारी साक्षरता दर के आंकड़ों में कौन से राज्य किस पायदान पर रहे।

साक्षरता दर में टॉप 5 राज्य 

  • केरल – 96.2 प्रतिशत
  • दिल्ली – 88.7 प्रतिशत
  • उत्तराखंड – 87.6 प्रतिशत
  • हिमाचल प्रदेश – 86.6 प्रतिशत
  • असम – 85.9 प्रतिशत

कौन से राज्यों में रही खराब साक्षरता दर

  • उत्तर प्रदेश – 73.0 प्रतिशत
  • तेलंगाना – 72.8 प्रतिशत
  • बिहार – 70.9 प्रतिशत
  • राजस्थान – 69.7 प्रतिशत
  • आंध्रप्रदेश – 66.4 प्रतिशत

क्या कहता है सर्वेक्षण

सर्वे में देश के 6188 ब्लॉक से 49238 शहरी परिवारों व 8097 गांवों के 64519 परिवारों से प्राप्त आंकड़ों को आधार बनाया गया। सर्वेक्षण के अनुसार देश की साक्षरता दर 77.7 प्रतिशत दर्ज की गई है। ग्रामीण क्षेत्रों की साक्षरता दर 73.5 फीसदी और शहरी क्षेत्रों की साक्षरता दर 87.7 फीसदी रही। इसके साथ ही सर्वेक्षण में बताया गया है कि सभी राज्यों में महिलाओं की तुलना में पुरूषों की साक्षरता दर अधिक है। यह सर्वेक्षण वर्ष 2017-18 में 'परिवारिक सामाजिक उपभोग: भारतीय शिक्षा' के अंतगर्त प्राप्त आंकड़ों को दर्शाता है।

क्या ऑनलाइन एजुकेशन साक्षरता दर में मदद कर सकती है

ऑनलाइन एजुकेशन भविष्य में शिक्षा क्षेत्र को नए आयाम पर ले जाने के लिए सक्षम है। इसका प्रसार भारत में तेजी से किया जाना बेहद जरूरी है। ऑनलाइन एजुकेशन पारंपरिक शिक्षा की अपेक्षा अधिक रुचिकर होती है, इसलिए इससे साक्षरता दर में वृद्धि होने की संभावनाएं काफी अधिक है। ऑनलाइन एजुकेशन छात्रों के द्वारा शिक्षा ग्रहण करने का नया तरीके के रूप सामने आया है। समय के साथ ऑनलाइन एजुकेशन शिक्षा का एक अभिन्न अंग बनता जा रहा है। कोरोना संक्रमण के समय से ही वैश्विक शिक्षा मुख्य रूप से ऑनलाइन एजुकेशन पर ही निर्भर है। गांव हो या शहर, लगभग हर क्षेत्र के छात्रों का ऑनलाइन कक्षाओं के माध्यम से ही सिलेबस पूरा कराया जा रहा है। ऐसे में ऑनलाइन एजुकेशन को साक्षरता दर बढ़ाने के सफल माध्यम के रूप में देखा जा सकता है।  

ब्राइट ट्यूटी की भूमिका

ऑनलाइन एजुकेशन में छात्र मुख्यत: इंटरनेट की सहायता से किसी स्टडी प्लेटफॉर्म या ऑनलाइन क्लासेस से शिक्षा ग्रहण करते हैं। ब्राइट ट्यूटी भारत का लोकप्रिय स्टडी प्लेटफॉर्म है। इस प्लेटफॉर्म में 5 लाख से अधिक छात्र भरोसा करते हैं। इस लॉकडाउन में ब्राइट ट्यूटी के साथ भारी संख्या में छात्र जुड़े। ब्राइट ट्यूटी के रोचक व विस्तृत कोर्सेज छात्रों के सिलेबस को पूरा करने का एक बेहतरीन विकल्प हैं।

विस्तृत वीडियो लेक्चर्स – ब्राइट ट्यूटी में वीडियो लेक्चर्स बेहद ही विस्तृत रूप से तैयार किये जाते हैं। इन वीडियो लेक्चर्स को विभिन्न शैक्षिक बोर्ड के अनुभवी शिक्षकों की टीम द्वारा गहन अध्ययन के बाद बनाया जाता है। इनसे सिलेबस को पूरा करने के बाद छात्रों को अन्य पुस्तकें पढ़ने की आवश्यकता नहीं होती है।

कॉन्सेप्ट को समझना आसान – ब्राइट ट्यूटी के कोर्सेज से छात्र मुश्किल लगने वाले अध्यायों के कॉन्सेप्ट को भी बेहद ही सरलता से समझ पाते हैं। हर छात्र अपनी बौद्धिक क्षमता के आधार पर अध्यायों को सीखता है। इसे समझते हुए शिक्षक बेहद ही सरल उदाहरणों की मदद से हर अध्याय या टॉपिक को समझाते हैं।

अपनी मनपसंद भाषा में पढ़ें कोर्सेज – ब्राइट ट्यूटी अंग्रेज़ी माध्यम के साथ ही हिंदी माध्यम के छात्रों के लिए भी कोर्सेज तैयार करता है। इस प्लेटफॉर्म से छात्र अंग्रेज़ी, हिंदी व बाईलिंग्वल (हिंदी-अंग्रेज़ी मिश्रित) भाषा में कोर्सेज को प्राप्त कर सकते हैं। जबकि अन्य स्टडी प्लेटफॉर्म मुख्यतः अंग्रेजी भाषा में ही अपने कोर्सेज तैयार करते हैं। इस तरह से ब्राइट ट्यूटी सभी माध्यम के छात्रों की आवश्यकताओं के आधार पर अपने कोर्सेज बनाता है, ताकि छात्रों को ऑनलाइन कोर्सेज लेने के लिए किसी समस्या का सामना न करना पड़े।

अध्यायों को सीखने के साथ उनका अभ्यास भी जरूरी – वीडियो लेक्चर्स से अध्याय या टॉपिक को सीखने के बाद उनका अभ्यास करना भी बेहद आवश्यक है। इसके लिए ब्राइट ट्यूटी छात्रों को प्रत्येक वीडियो लेक्चर के बाद असाइनमेंट्स और बहुविकल्पीय प्रश्न प्रदान करता है। इनके अभ्यास से छात्र खुद का आकलन करते हुए यह जान पाते हैं कि उनको संबंधित टॉपिक में कौन सी चीज सही तरह से समझ नहीं आई है। अभ्यास कार्य करने से छात्र टॉपिक व संपूर्ण अध्याय को लंबे समय तक याद रख पाते हैं।

 

परीक्षा की तैयारी भी आवश्यक – छात्रों को सभी स्टडी मैटीरियल एक ही प्लेटफॉर्म में प्रदान करने के लिए ब्राइट ट्यूटी अपने कोर्सेज में वीडियो लेक्चर्स के साथ ही परीक्षा किट भी शामिल करता है। इस किट को अनुभवी शिक्षक तैयार करते हैं। इसमें सैंपल पेपर्स, पिछले वर्षों के प्रश्न-पत्रों और मॉडल टेस्ट पेपर्स को शामिल किया जाता है। इन सभी पेपर्स को सॉल्व्ड और अन्सॉल्व्ड प्रारूपों में कोर्स का हिस्सा बनाया जाता है। कोर्स के वीडियो लेक्चर्स से अध्याय को सीखने के बाद छात्र अपनी परीक्षा की तैयारी इन पेपर्स के माध्यम से कर सकते हैं। इनके अभ्यास से छात्र यह समझ पाते हैं कि उनको किस प्रश्न को कितना समय देना चाहिए। साथ ही वह परीक्षा की अंक योजना से भी परिचित होते हैं। इससे छात्र के आत्मविश्वास में वृद्धि होती है और वह अपनी परीक्षा में पहले के मुकाबले अच्छा प्रदर्शन करने में सक्षम बनते हैं।

इस तरह से अभिभावक अपने बच्चों को ऑनलाइन कोर्सेज प्रदान कर, उनकी पढ़ाई में रुचि बढ़ा सकते हैं। यह कोर्सेज ट्यूशन फीस के अपेक्षा बेहद ही कम कीमतों पर उपलब्ध हैं।