इन 7 आदतों से हर छात्र को रहना चाहिए दूर

IMG

छात्रों का जीवन बेहद ही संयमित और सादगी भरा रहना चाहिए। जीवन में एक अच्छा भविष्य बेहतर शिक्षा के दम पर ही पाया जा सकता है। शिक्षा के बिना व्यक्ति के जीवन की मुश्किले बढ़ जाती है। किशोरावस्था में छात्रों का बाहरी दुनिया व अन्य चीजों के प्रति आकर्षित होना एक सहज बात है, लेकिन इन चीजों के सामने शिक्षा को महत्व न देना उनके लिए परेशानी का कारण बन सकता है।

छात्रों को अपनी पढ़ाई में बेहतर रिजल्ट पाने के लिए कई तरह की चीजों से दूर रहना पड़ता है। साथ ही इसके लिए उन्हें अपनी कई गलत आदतों को भी खुद से दूर करना चाहिए। आगे छात्रों को जिन चीजों व आदतों से दूर रहना चाहिए, उनके बारे में विस्तार से बताया गया है।

  1. रटने की आदत से रहें दूर – आज भी कई छात्र पढ़ाई का मतलब केवल विषयों को रटना ही मानते हैं। उनकी प्राथमिकता किसी अध्याय के टॉपिक्स को समझने की अपेक्षा अधिक अंक लाना होता है और इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए छात्र किसी टॉपिक के कॉन्सेप्ट को समझने के स्थान पर उसे रटने लगते हैं।

छात्रों की यह आदत उनको कुछ विषयों में तो अच्छे नंबर दिला सकती है, लेकिन साइंस और मैथ्स जैसे विषयों में रटने से उनका काम नहीं चल पाता है। इसलिए अच्छे नंबर को पाने के लिए कॉन्सेप्ट को समझना बेहद जरूरी है। साथ ही कॉन्सेप्ट को समझने से आप उस टॉपिक से संबंधित अन्य टॉपिक्स को भी आसानी से हल कर पाने में सक्षम हो पाते हैं।
 

  1. शोर में पढ़ना – कुछ छात्र कानों में लीड लगाकर गानें सुनते हुए अपनी पढ़ाई करते हैं। इस प्रक्रिया से कुछ छात्रों को पढ़ने में मुश्किल नहीं आती होगी। लेकिन अधिकतर छात्रों को कुछ नया सीखने या मुश्किल सवालों को हल करने में इससे परेशानी हो सकती हैं। इसलिए आप जब भी पढ़ाई करें उस समय शोर से दूर रहें और एकांत में बैठकर ही पढ़ाई करें।

 

  1. क्लासेस को छोड़ना – यदि छात्र किसी दिन स्कूल नहीं जा पाते हैं, तो वह उस दिन का काम पूरा करने के लिए दोस्तों के नोट्स को कई घंटे कॉपी करने और उनसे क्लास में पढ़ाए गए टॉपिक्स को पूछने में बिता देते हैं। स्कूल ना जाने से छात्रों को परीक्षा के बेहतर स्कोर करने में ज्यादा मेहनत करनी पड़ सकती है। जबकि कई बार ऐसा भी देखा जाता है कि एक टॉपिक के छूट जाने से छात्र अपने सब्जेक्ट्स के अन्य टॉपिक्स को भी समझ नहीं पाते हैं। इसलिए छात्रों को स्कूल रोजाना जाना चाहिए।

 

  1. पढ़ते समय नोट्स न बनाना – कई छात्र पढ़ते समय नोट्स या महत्वपूर्ण लाइन को अंडरलाइन नहीं करते हैं। साथ ही कुछ छात्र खुद के नोट्स बनाने की जगह दोस्तों के नोट्स को कॉपी करना ज्यादा बेहतर विकल्प मानते हैं। लेकिन ऐसा करना छात्रों के लिए मुसीबत का कारण बन सकता है। मुख्य लाइन को अंडरलाइन न करने से छात्र किसी टॉपिक के महत्वपूर्ण प्वाइंट्स को अनदेखा कर सकते हैं। वहीं अंडरलाइन किए गए प्वाइंट्स से पाठ या टॉपिक को दोहराने में आसानी होती है और कम समय में भी बड़े से बड़े अध्याय को आसानी व तेजी से रिवाइज किया जा सकता है।

 

  1. पढ़ते समय सोशल नेटवर्किंग साइट्स का इस्तेमाल करना – आज के समय में अधिकतर छात्र खुद को सोशल नेटवर्किंग साइट्स में ज्यादा व्यस्त रखते हैं। सोशल नेटवर्किंग साइट के प्रति छात्रों का इतना लगाव है कि वह पढ़ाई करते समय भी मोबाइल अपने पास ही रखते हैं। इतना ही नहीं पढ़ाई करते समय अधिकतर छात्र हर पांच मिनट में दो से तीन बार अपने मोबाइल में मैसेज अवश्य ही चेक करते हैं। छात्रों की यह आदत भी उनकी पढ़ाई में बाधा बनती है।

 

  1. नोट्स या किताबों को एक जगह ना रखना – अपने नोट्स को बनाना या अध्याय की लाइन को अंडरलाइन करना ही काफी नहीं होता है। छात्रों को अपनी किताबें और नोट्स भी एक जगह पर रखने की कोशिश करनी चाहिए। नोट्स को एक स्थान पर न रखने से वह सही समय पर छात्रों को नहीं मिल पाते हैं। ऐसे में उन्हें ढूंढने में काफी समय लगता है और कई बार तो नोट्स को लेकर भी छात्रों को टेंशन होने लगती है।

 

  1. पढ़ाई करने में आनाकानी करना – छात्रों को पढ़ाई करने में आनाकानी नहीं करनी चाहिए। इस तरह की आनाकानी उनके परीक्षा परिणाम को खराब करने में मुख्य भूमिका अदा कर सकती है। इसलिए छात्रों को अन्य कामों की अपेक्षा अपनी पढ़ाई को प्राथमिकता देनी चाहिए। यही वह मात्र साधन है जिसके बल पर छात्र आने वाले जीवन की मुश्किलों का सामना करने में सक्षम हो पाते हैं।

इन आदतों को खुद से दूर करने व पढ़ाई के सही तरीकों को अपनाकर छात्र अपनी कक्षा में बेहतर अंकों से पास हो सकते हैं। आज के दौर में छात्रों को ऑनलाइन स्टडी प्लेटफॉर्स को अपनी पढ़ाई का हिस्सा अवश्य बनाना चाहिए। ब्राइट ट्यूटी देश का लोकप्रिय स्टडी प्लेटफॉर्म है। इस प्लेटफॉर्म की मदद से छात्र कम समय में रोचक विधि द्वारा हर कॉनसेप्ट पर महारत हासिल कर सकते हैं। ब्राइट ट्यूटी देश के बड़े बोर्ड जैसे सीबीएसई व आईसीएससी सहित अन्य 20 से ज्यादा के पाठ्यक्रमों को कवर करते हुए ऑनलाइन कोर्स तैयार करता है। इसके कोर्स हिंदी माध्यम के छात्रों के साथ ही अंग्रेजी व बाईलिंग्वल (हिंदी-अंग्रेजी मिश्रित) भाषा में भी उपलब्ध हैं।

इस कोर्स की खूबी है कि इसमें वीडियो लेक्चर्स के साथ ही छात्रों को असाइनमेंट्स व बहुविकल्पीय प्रश्न-उत्तर भी दिये जाते हैं। इसके अलावा छात्रों को परीक्षा की तैयारी के लिए परीक्षा किट भी प्रदान की जाती है। इस किट में सैंपल पेपर्स, मॉडल पेपर्स और पिछले वर्षों के प्रश्न-पत्रों के कई सेट्स शामिल किए जाते हैं। इन सभी के निरंतर अभ्यास से छात्र अपनी परीक्षा में बेहतर प्रदर्शन करते हैं और अच्छे अंकों से पास होते हैं।