कोरोना महामारी ने वैश्विक स्तर पर जन-जीवन को प्रभावित किया है। इससे न सिर्फ लोगों के जीवन में स्वास्थ्य संकट उत्पन्न हुआ है, बल्कि उसके साथ ही कई अन्य परेशानियाँ भी उठ खड़ी हुई हैं। बच्चों को इस महामारी से सुरक्षित रखने के उद्देश्य से विश्व के लगभग सभी देशों ने स्कूलों को स्थगित कर दिया था और यही स्थिति आज भी लागू है। लेकिन अब भारत के कुछ राज्यों की सरकार स्कूलों को दोबारा से खोलने के लिए मन बना रही हैं। हालांकि, राज्य सरकार की इच्छा केंद्र सरकार की मंजूरी के बाद ही पूरी हो पाएगी। वहीं अभी कई अभिभावक भी अपने बच्चों को स्कूल भेजना नहीं चाहते हैं।
कोरोना के संक्रमण की रोकथाम पर कोई पुख्ता कदम उठाए बिना स्कूलों को दोबारा से खोलना बच्चों के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है। स्कूलों में बच्चे ना तो कोरोना बचाव की गाइडलाइन का पालन कर पाएंगे और ना ही अन्य छात्रों से निश्चित दूरी बना पाएंगे। ऐसे में स्कूल खुलने से बच्चे तेजी से कोरोना की चपेट में आ सकते हैं। बच्चों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ न करते हुए अभिभावक भी अभी अपने बच्चों को स्कूल नहीं भेजना चाहते हैं।
राज्य क्या चाहते हैं
कई राज्य स्कूलों को दोबारा खोलने पर विचार कर रहें हैं। हरियाणा बोर्ड भी स्कूलों को खोलने की योजना तैयार कर रहा है। जानकारी के अनुसार हरियाणा के शिक्षा मंत्री कुंवर पाल गुर्जर ने बताया है कि राज्य सरकार स्कूलों को खोलने के लिए पूरी तरह से तैयार है, राज्य सरकार केवल केंद्र की मंजूरी का इंतजार कर रही है। केंद्र की मंजूरी मिलते ही राज्य के स्कूल और कॉलेजों को एक सप्ताह में खोल दिया जाएगा। वहीं असम व अन्य राज्यों की सरकार भी स्कूलों को दोबारा से खोलने पर विचार कर रही है।
स्कूल खुले तो क्या समस्या उत्पन्न हो सकती है
छोटे बच्चे स्कूलों में कोरोना संक्रमण से बचाव की गाइडलाइन का पालन नहीं कर पाएंगे। साथ ही छात्रों के द्वारा स्कूलों में अन्य बच्चों के साथ दूरी बना पाना भी मुश्किल होगा। ऐसे में यदि किसी बच्चे को कोरोना संक्रमण हुआ, तो स्कूल के सभी बच्चों के संक्रमित होने की संभावना बढ़ जाएगी। वहीं दूसरी ओर सीमित जगह में स्कूल प्रशासन को एक कक्षा में कम से कम बच्चों की संख्या बनाए रखना थोड़ा मुश्किल होगा।
घर पर कैसे करें पढ़ाई
यदि छात्र स्कूल न जाए तो भी वह घर बैठे अपनी कक्षा का सिलेबस पूरा कर सकते हैं। इसके लिए कई ऑनलाइन स्टडी प्लेटफॉर्म मौजूद हैं। लॉकडाउन की शुरूआत से ही ब्राइट ट्यूटी छात्रों के सिलेबस को पूरा करने के बेहतरीन विकल्प के रूप में सामने आया है। यही वजह है कि लॉकडाउन में देश के लाखों छात्रों ने ब्राइट ट्यूटी पर भरोसा किया।
ब्राइट ट्यूटी प्लेटफॉर्म देश के विभिन्न शैक्षिक बोर्ड के पाठ्यक्रम पर ऑनलाइन कोर्स तैयार करता है। इस प्लेटफॉर्म में आईसीएससी, सीबीएसई व 20 से अधिक अन्य राज्यों के शैक्षिक बोर्ड के पाठ्यक्रमों को कवर किया गया है। इस प्लेटफॉर्म में छात्रों को अपने सिलेबस के लगभग सभी विषयों पर ऑनलाइन कोर्सेज मिलते हैं। इन कोर्सेज में छात्रों को वीडियो लेक्चर्स, असाइनमेंट्स, बहुविकल्पीय प्रश्न व परीक्षा किट प्रदान की जाती है। इस तरह से छात्र को एक ही प्लेटफॉर्म में सभी आवश्यक चीजें मिल जाती है।
ब्राइट ट्यूटी की कुछ महत्वपूर्ण तथ्य, जो आपको जानने चाहिए।
अपनी पसंदीदा भाषा में कोर्सेज चुनने का विकल्प – ब्राइट ट्यूटी में छात्रों को अपनी पसंदीदा भाषा में कोर्स चुनने का विकल्प मिलता है। आज के दौर में ऑनलाइन कोर्स प्रदान करने वाले कई प्लेटफॉर्म मौजूद हैं, लेकिन छात्रों को उनकी पसंदीदा भाषा जैसे – हिंदी, अंग्रेज़ी व बाईलिंग्वल (हिंदी-अग्रेज़ी मिश्रित) में कोर्स पढ़ने का अवसर केवल ब्राइट ट्यूटी ही प्रदान करता है।
विस्तृत कोर्स – ब्राइट ट्यूटी अध्यायों के वीडियो लेक्चर्स बेहद ही विस्तृत रूप से तैयार करता है। इससे छात्रों को एक बार वीडियो देखने के बाद अन्य किताबों से पढ़ने की आवश्यकता नहीं होती है।
रोचक वीडियो लेक्चर्स – ब्राइट ट्यूटी ने अपने पैनल में सभी बोर्ड के अनुभवी शिक्षकों को शामिल किया है। ये सभी शिक्षक प्रत्येक छात्रों के सीखने की क्षमता को पहचानते हैं और उसी आधार पर अपने वीडियो लेक्चर्स तैयार करते हैं। वीडियो लेक्चर्स को तैयार करते समय इस बात का भी ध्यान रखा जाता है कि वह छात्रों के लिए रोचक और तेजी से समझ आने वाले हों।
कॉन्सेप्ट को जल्द समझना – इस प्लेटफॉर्म के अनुभवी शिक्षक छात्रों को कॉन्सेप्ट यानी की मूल अवधारणाओं को तेजी से समझाने के लिए दैनिक जीवन के उदाहरणों की मदद लेते हैं। इस तरह से छात्र संबंधित अध्याय से खुद को जोड़ते हुए आसानी से उसकी मूल अवधारणा को समझ पाते हैं। मूल अवधारणाओं को जल्द व अच्छी तरह से समझने से छात्र इन्हें लंबे समय तक याद रख पाते हैं। इससे छात्रों का एक पाठ को बार-बार पढ़ने व समझने में लगने वाला समय बर्बाद होने से बच जाता है।
असाइनमेंट्स व बहुविकल्पीय प्रश्नों से करें अभ्यास – छात्रों के लिए किसी अध्याय को समझना जितना जरूरी है, उतना ही महत्वपूर्ण उसका अभ्यास करना भी है। ब्राइट ट्यूटी के कोर्स में छात्रों को किसी अध्याय या टॉपिक के वीडियो लेक्चर्स को पूरा करने के बाद अभ्यास के लिए असाइनमेंट्स व बहुविकल्पीय प्रश्न भी दिए जाते हैं। इनके नियमित अभ्यास से छात्रों की अध्याय व टॉपिक पर पकड़ मजबूत बनती है।
परीक्षा की तैयारी – ब्राइट ट्यूटी परीक्षा की तैयारी के लिए छात्रों को कोर्स में विशेष परीक्षा किट भी प्रदान करता है। इस किट में सैंपल पेपर्स, पिछले वर्षों के प्रश्न-पत्र व मॉडल टेस्ट पेपर्स को शामिल किया जाता है। यह सभी पेपर्स अनसुलझे (अनसॉल्व्ड) व हल किए हुए (सॉल्व्ड) दोनों ही प्रारूपों में छात्रों को दिए जाते हैं। इनके नियमित अभ्यास से छात्रों का परीक्षा संबंधी डर दूर होता है और वह अपनी वार्षिक परीक्षा में बेहतर प्रदर्शन करते हुए अच्छे अंक अर्जित कर पाते हैं।
इन्हीं खूबियों के चलते ब्राइट ट्यूटी पर 5 लाख से अधिक छात्र भरोसा करते हैं। यदि आप या आपके घर का भी कोई बच्चा कक्षा 6 से 10वीं तक का छात्र है, तो उसके लिए आप ब्राइट ट्यूटी के कोर्स खरीद सकते हैं। इस कोर्स से आपको अपने घर के बच्चों में सकारात्मक बदलाव देखने को मिलेंगे और यदि आप खुद एक छात्र हैं तो तुरंत ब्राइट ट्यूटी के ऑनलाइन कोर्स से पढ़ना शुरू करें और अपने अंदर बदलाव को महसूस करें।